गुरुवार, 4 जुलाई 2019

आँख खुली तो बिदाई की धुन कानो में गुज....

आँख खुली तो बिदाई की धुन कानो में गुज रही थी छितिज  की मांग को सूर्य की चुटकी भर किरणों ने  सिन्दूरी कर दिया था गाजे बाजे हो हल्ले  नाच कूद के बिच खुसी उल्लाश के साथ बारात की रात इंतज़ार की रात अपने सबाब के उच्चतम स्तर के बाद जुहाइयो थकान के साथ स्थिर होकर  गई  थी दरवाजे के चोकठ के सहारे ठीठकी तुम्हारी आखो का भर आना हमारी मोहबत की मजबूरिया है रात इसलिए नहीं आया आँगन में की तुमसे नजरे मिलाने की हिम्मत ना थी , हकीकत तो यही है कि भुला दू तुम्हे  सो कोशिश जारी है  तुमको पता है जब तुम रोज शाम को ढलते सूरज को निहारती हो और उसके जाने तक तुम बैठी रहती हो तुम इस दृश्य को रोक देना चाहती हो पर रोक नहीं पाती हो। सबके पास अपनी अपनी मोहब्बत के किस्से है। मन में सोचो तो रोना आता है किसी के सामने कहो तो हंसना आता है।। लेकिन पता है यही ज़िन्दगी के सबसे हसीन लम्हे होते हैं।। कुछ कहानियां शायद इतनी बेहतरीन होती है कि वो किसी से कहीं नहीं जा सकती।। खुद सोचो खुद रो लो खुद में समेटे रहो सारा इश्क़ अपना।। वो बेखुदी वाला जहां भी ना इस कायनात की सबसे अच्छी जगह है।। प्यार पूरा ना सही अधूरा ही है लेकिन मैंने किया वो पल सबसे अच्छे थे।मैंने जिया उन्हें ये पल हमेशा दिल के किसी कोने में कैद रहेंगे।।कभी कभी मानसिक उद्वेग आपको विचलित कर देता है आप ना चाहते हुए भी ऐसा व्यवहार करते हो की बाद में पछतावा हो ।। manish dwivedi

शनिवार, 13 अप्रैल 2019

मेरी डायरी के कुछ  पेज  आपके लिए   पेज के क्रम को  एक साथ नहीं  रखा सकता  इस लिए कुछ  सेकेक्टीव आप के लिए।  इन कहानियों में कुछ हकीकत है कुछ फ़साना। ... 
जीवन में सभी कहानिया पूरी नहीं होती फिर भी कहानिया तो होती ही है  ओर उनको  याद  कर आप के होठो पर मुस्कराहट  आजाती है  वही इस   संकलन में आप को  मिलेगा। ..... 

उपहार💐

उलझनों में था की जीवन के इस  महत्वपूर्ण पल में आप दोनों को क्या भेट किया जाये हर तरह के उपहारों से  घर भरा होगा, विवाह प्रेम की सामाजिक स्वीकार्यता है साथ ही मनुष्य की पूर्णता का प्रमाण भी  अब आप जीवन के एक नए  दौर में प्रवेश कर रहे है  प्रेम, आन्नद , जिम्मेदारियों  से भरे इस  सफ़र में कई बार उलझनों का सामना करेंगे मुझे उम्मीद है  इस  दौर में मेरा यह उपहार आप दोनों के प्रेम को जीवंतता प्रदान करेगा  जब कभी दोनों में तकरार  हो और लगे की कही कोई कमी है तो आप की उगलिया की इस किताब के पन्नो को  पलटती होगी,और प्रेम की अपार  शक्ति  आप दोनों को एक कर देगी। प्यार की जिस नर्सरी  में हमने प्रेम को कुछ समझा उस नर्सरी का सबसे खूबसूरत फूल है।
चन्दर और सुधा के प्रेम की परिणति भले हे विवाह न रही हो पर जो तड़प जो आकर्षण व जो पवित्रता उस  प्रेम में है वह कही नहीं      कई बार पढ़ने के बाद हर बार एक नई कहानी  सी लगती  है।
उम्मीद है की इस उपहार की उम्र अन्य उपहारों से ज्यादा होगी कोशिश करियेगा की कबड  के किसी कोने में पड़े रहने के बजाए इसे इसे अपने दिल के करीब रखियेगा।
आप दोनों को विवाह की ढेरो शुभकामनाएँ  
















इंतज़ार...

... उसके इर्द गिर्द  बहुत समझदार लोग थे। सबने उससे कहा, किसी से मिल लेने चंद बाते ओर तमाम ख़्वाहिश.. को प्यार नहीं कहते।  आज किसी से बा...